Dosti


अपने मुकाम हासिल करने में
इतने हम मशरूफ हुए
कि फ़िसलते गए रेत की तरह
ज़िन्दगी के वो हसीन लम्हे

दौलत और शोहरत पाने में
छूट गए कुछ अपने
रिश्तो में आ गए फासले
और रह गई कुछ खूबसूरत यादें

कहने को तो 'फेसबुक फ्रेंड्स '
की लिस्ट है बहुत लंबी
पर सच्चे यार मिलते है कहा
और भीड़ में भी रहते है तनहा

याद आते है वो पल
दोस्तों के साथ मौज-मस्ती के 
काश वो ज़माना फिर लौटे
और सजे फिर से महफिलें

- Dr. Angelica

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

ख़यालात

The Path Less Taken

Ehsaas